संकल्प न्यूज़ डेस्क -उदयपुर खुद को आग लगाने वाली महिला ने सोमवार देर रात दम तोड़ दिया। पहले तो वह उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में तड़पती रही थी। आईसीयू में बेड नहीं खाली था।
बड़ी मुश्किल से सोमवार रात को आईसीयू में बेड खाली हुआ। वहां शिफ्ट करने के 2 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। 25 जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे भावना यादव (30) ने उदयपुर के सूजरपोल चौराहे पर खुद को आग लगा ली थी। कहा जा रहा है कि पति से आए दिन झगड़े होते थे। इसी से तंग आकर भावना ने यह कदम उठाया था। गर्दन से लेकर एड़ी तक 80 फीसदी तक वह झुलस गई थी। उसे पहले ही दिन से आईसीयू की जरूरत थी। भावना की एक 7 साल की बच्ची है।
भावना यादव ने सोमवार को बातचीत में बताया था- पति के साथ बार-बार झगड़े होते थे। तंग आकर मैंने ये कदम उठाया। 25 जनवरी की शाम मैं और पति गजेंद्र उदयपुर के देबारी स्थित साइट पर रंग-रोगन का काम करने गए थे। काम पूरा होने के बाद देर शाम सिटी बस से सूरजपोल चौराहा पर साथ उतरे। पति ने शराब के लिए रुपए मांगे। नहीं देने पर छीना-झपटी शुरू कर दी।गाली-गलौज करने लगा। गुस्से में वहीं मुझे अकेला छोड़कर चला गया। मेरे पास पेंट करने के काम आने वाला तारपीन का तेल था। मैंने सोचा रोज मरने से अच्छा है, एक बार ही मर जाऊं। रोजाना हो रहे झगड़ों से तंग आ गई थी। मैंने तारपीन का तेल अपने शरीर पर उड़ेल लिया। फिर पास की दुकान से माचिस खरीदकर खुद को आग लगा ली।
भावना के खुद को आग लगाने के बाद वह लपटों में घिर गई। करीब 4 मिनट तक इधर-उधर भागती रही। बाजार में अफरा-तफरी मच गई थी। एक युवक अपना जैकेट उतारकर आग बुझाने का प्रयास किया। करीब 40 मीटर दौड़ने के बाद भावना वहीं गिर गई थी। उसके बाद लोगो ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया ।